पूर्वी सिंहभूम, लद्दाख के पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को झारखंडी समाज के बैनर तले जमशेदपुर में एकजुट होकर जन प्रदर्शन किया गया।
यह प्रदर्शन लद्दाख में छठी अनुसूची के प्रावधान, राज्य का दर्जा और युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के समर्थन में आयोजित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय, पूर्वी सिंहभूम के समक्ष एकत्र होकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार से लद्दाख के लोगों की आवाज सुने जाने की अपील की।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि लद्दाख की जनता बीते कई वर्षों से अपने संवैधानिक अधिकारों और पहचान की रक्षा के लिए संघर्षरत है। उन्होंने कहा कि छठी अनुसूची का दर्जा लद्दाख की सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय अस्मिता की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। वहीं, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार की गारंटी और लद्दाख को राज्य का दर्जा देना समय की मांग है।
झारखंडी समाज के प्रतिनिधियों ने पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और लेह में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की ओर से किए गए अत्याचारों की तीखी निंदा की।
इस मौके पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि लद्दाख की जनता की मांगें पूरी तरह वैधानिक और संवैधानिक हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ तत्काल संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का न्यायपूर्ण समाधान करे।
प्रदर्शन में झारखंडी समाज के विभिन्न संगठनों और समुदायों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. संजय लुगुन, मनोज तिर्की, प्रदीप सोरेन, रीता मुंडा, बिनोद उरांव, ममता कच्छप, संतोष उरांव, अमित टोप्पो, सुनीता हेंब्रम, राजेश टुडू, सुबोध मुंडा और प्रेम आनंद एक्का शामिल थे।
झारखंडी समाज ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
