रांची। बरही से कांग्रेस के पूर्व नेता व विधायक उमाशंकर
अकेला के दाे करोड़ रुपये लेकर टिकट देने के आरोप वाले बयान पर असम के
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शुक्रवार को
कहा कि मैं भी एक समय कांग्रेस में था। कांग्रेस में यदि एक स्टेट में 100
सीटें हैं तो 20 सीटें बिकती हैं। यह कांग्रेस की पुरानी परंपरा है।
सरमा
ने कहा कि उमा शंकर अकेला ने जो बताया वह कोई नया बात नहीं है। हर राज्य
में हमलोग देखते हैं कि कांग्रेस 20 प्रतिशत सीट बेचती है। मीर साहब पर कोई
व्यक्तिगत आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं है। यह कांग्रेस का सिस्टम है कि
वे 20 प्रतिशत सीट बेच देते हैं। रांची में बागी उम्मीदवार वाले सवाल पर
उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि वह चुनाव लड़े और इसी को देखते हुए
उनके द्वारा नामांकन भी की जाती है लेकिन नामांकन वापसी की तारीख तक इन्हें
मनाया भी जाता है। उन्होंने कहा कि एनडीए की ओर से प्रत्येक सीट पर 1-1
प्रत्याशी खड़ा किया जा रहा है लेकिन इंडी गठबंधन का हाल आप देख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन की सीट पर दाे-दाे, तीन-तीन उम्मीदवार खड़े हो
रहे हैं।
सरमा ने आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को नामांकन करने पर
बधाई दी। उन्होंने कहा कि विपरीत मौसम के बावजूद हजारों कार्यकर्ताओं की
उपस्थिति से स्पष्ट होता है कि एनडीए के प्रति लोगों का रुझान क्या है।
उन्होंने एनडीए के सभी सहयोगी दलों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि
सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर रिकॉर्ड वोटों से
जीतेंगे। साथ ही कहा कि झारखंड में एनडीए की जीत तय है। झारखंड में एनडीए
की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि वादे के अनुसार, सरकार बनने पर पहली
कैबिनेट बैठक में ही गोगो दीदी योजना से झारखंड की युवतियों व महिलाओं के
खाते में 2100 रुपये हर माह दिए जाएंगे। डेढ़ लाख नौकरी एक साल में देंगे।
लोगों को बालू और साल में दो त्योहारों पर दो गैस सिलेंडर फ्री देने की बात
कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा, असम व मध्य प्रदेश में भाजपा ने जो वादा
किया, उसे पूरा किया।
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड को
घुसपैठियों से बचाना है। असम की हालत भी इसी तरह के थे। 20 प्रतिशत
मुसलमानों की संख्या बढ़ते-बढ़ते घुसपैठियों की संख्या 45 प्रतिशत हो गयी।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण झारखंड की जनसांख्यिकी बदल रही है लेकिन
सत्तारूढ़ झामुमो इस मुद्दे पर चुप है। क्योंकि, वे उनके वोट बैंक हैं। यही
हालत झारखंड के भी हो जायेंगे।