बेंगलुरु, । कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने अपने विवादास्पद बयान के बाद सोमवार का मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के निर्देश पर अपने बेटे राजेंद्र के माध्यम से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।
दरअसल, 8 अगस्त को बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर "मतदान में धांधली" का आरोप लगाया था। इस बयान के जवाब में राजन्ना ने कहा था, "हमें शर्म आनी चाहिए कि हमने बिना मतदाता सूची की जांच किए अब यह बात कही है। मतदाता सूची तब तैयार हुई थी,
राजन्ना राजिया के इस्तीफे पर विधानसभा में हंगामा
राजन्ना के इस्तीफे के मुद्दे को लेकर आज से शुरू सत्र में जमकर बहस हुई। विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने तीखा हमला करते हुए कहा कि राजन्ना इस्तीफा देने के बाद मंत्री की कुर्सी पर कैसे बैठ सकते हैं? क्या यह शर्मनाक नहीं है?" भाजपा सदस्य सुनील कुमार ने पूछा, "अब हम उन्हें क्या कहें?"
विपक्षी नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजन्ना ने कहा कि कानून मंत्री ने मुझसे कहा कि मैं न बोलूं। ऐसी स्तरहीन बातें करने के लिए उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए।
पार्टी के खिलाफ बयान देने वाले कर्नाटक के सहकारिता मंत्री का इस्तीफा

जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी, तब हमने आंखें क्यों मूंद लीं?" जैसे ही इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया था। यह वीडियो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आलाकमान को भेजा।
वेणुगोपाल ने जांच के बाद इसे राहुल गांधी के संज्ञान में लाया था। इसके बाद राहुल गांधी ने राजन्ना के भाषण को उनके संघर्ष का अपमान बताते हुए उनसे तुरंत इस्तीफ़ा देने को कहा था। बताया गया कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने यह संदेश मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भेजा। आदेश मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर राजन्ना ने अपने बेटे राजेंद्र के ज़रिए अपना इस्तीफ़ा मुख्यमंत्री को भेज दिया। मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर राज्यपाल को भेज दिया, जिन्होंने राजन्ना का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया।