रांची
,। झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांटे
की टक्कर देखने को मिल सकती है। एनडीए और इंडी गठबंधन ने अधिकतर सीटों पर
अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। दोनों गठबंधनों की ओर से अब तक घोषित
उम्मीदवारों में से 40 ऐसे प्रत्याशियों के परिवार की मजबूत राजनीतिक
पृष्ठभूमि रही है। इनमें 17 भाजपा, 10 झामुमो, आठ कांग्रेस, दो आजसू, दो
माले और एक राजद के हैं। दोनों गठबंधनों ने राजनीतिक परिवारों से जुड़े जिन
प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उनमें मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री,
मंत्री, सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक के रिश्तेदार शामिल
हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन (बरहेट),
बसंत सोरेन (दुमका), बहू सीता सोरेन (जामताड़ा), कल्पना सोरेन (गांडेय)
चुनाव लड़ रहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल
सोरेन घाटशिला से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन
मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पोटका व मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा
जगन्नाथपुर से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में
ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहु जमशेदपुर पूर्वी से
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
भवनाथपुर से भाजपा प्रत्याशी
भानुप्रताप शाही के पिता हेमेंद्र प्रताप शाही झारखंड सरकार में मंत्री रहे
हैं। सिसई के भाजपा उम्मीदवार आइपीएस अधिकारी रहे अरुण उरांव के पिता बंदी
उरांव बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मधुपुर विधानसभा सीट से झामुमो
के प्रत्याशी हफीजुल हसन, शिकारीपाड़ा के प्रत्याशी आलोक सोरेन, तमाड़ के
प्रत्याशी विकास मुंडा के पिता भी मंत्री रह चुके हैं। मनोहरपुर के झामुमो
प्रत्याशी जगत मांझी की मां मंत्री और पिता विधायक रहे हैं। कांग्रेस की
बड़कागांव की प्रत्याशी अंबा प्रसाद, मांडर की प्रत्याशी शिल्पी नेहा
तिर्की, बेरमो के प्रत्याशी कुमार जयमंगल, पांकी के प्रत्याशी लाल सूरज के
पिता भी मंत्री रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के प्रत्याशी अमित कुमार मंडल,
अमित कुमार यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, उज्ज्वल दास, मंजू देवी के पिता
विधायक रहे हैं। बगोदर के माले प्रत्याशी विनोद सिंह के पिता महेंद्र सिंह
भी विधायक रहे हैं। निरसा के माले प्रत्याशी अरूप चटर्जी के पिता भी इसी
सीट से विधायक रहे हैं।
झामुमो से डुमरी की प्रत्याशी बेबी देवी,
ईचागढ़ की सबिता महतो, कांग्रेस की पाकुड़ की प्रत्याशी निशत आलम के पति
मंत्री रहे हैं। इसके अलावा झरिया की भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह के ससुर,
सास व पति विधायक रहे हैं। वहीं, सिंदरी से भाजपा प्रत्याशी तारा देवी के
पति वर्तमान में विधायक हैं। मंत्री सत्यानंद भोक्ता की बहू रश्मि प्रकाश
चतरा विधानसभा सीट से, बिहार सरकार में मंत्री रहे अवध बिहारी सिंह की बहू
दीपिका पांडेय सिंह महगामा से चुनाव लड़ रही हैं। गिरिडीह से सांसद
चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी आजसू की टिकट से रामगढ़ विधानसभा
सीट से व भाई रोशन चौधरी भाजपा की टिकट से बड़कागांव सीट से चुनाव लड़ रहे
हैं। धनबाद से सांसद ढुलू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो बाघमारा से भाजपा के
प्रत्याशी हैं। चाईबासा की सांसद जोबा माझी के पुत्र जगत माझी, दुमका से
सांसद नलिन सोरेन के पुत्र आलोक सोरेन झामुमो के प्रत्याशी हैं।
कुल
मिलाकर झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार परिवारवाद पूरी तरह हावी है
लेकिन क्या परिवारवाद इंडिया और इंडी के बीच कड़ी टक्कर का गवाह बन सकती
हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि 2023 के चुनावों में कौन सी पार्टी इन सीटों
पर अपना परचम लहराने में कामयाब होती है।