कोलकाता, । आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर के पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर वकीलों को घटनास्थल का निरीक्षण करने की अनुमति मांगी है। यह याचिका सियालदह अदालत के उस आदेश को चुनौती देती है जिसमें इस तरह की अनुमति देने से इनकार किया गया था।
पीड़िता के पिता का कहना है कि इस मामले में संजय रॉय के अलावा और लोग भी घटना के समय मौजूद थे। संजय रॉय, जो शहर पुलिस के पूर्व सिविक वॉलंटियर रहे हैं, को अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
याचिकाकर्ता के वकील फिरोज एडुलजी ने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें और उनके छह जूनियर वकीलों को दो घंटे के लिए आरजी कर अस्पताल परिसर में जाकर घटनास्थल का स्वतंत्र निरीक्षण करने दिया जाए। उनका कहना है कि यह जांच में मौजूद संभावित खामियों को उजागर करने में मददगार होगा।
यह याचिका अगले सप्ताह की शुरुआत में हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आ सकती है। पीड़िता का शव 9 अगस्त, 2024 को अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था, जिसके बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
याचिका में सियालदह अदालत के 9 जुलाई के उस आदेश को भी रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें वकीलों को घटनास्थल के दौरे की अनुमति नहीं दी गई थी।