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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के आवास और कार्यालय पर एफबीआई का छापा


वाशिंगटन (अमेरिका), । अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने देश के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन के आवास और कार्यालय पर एक साथ छापा मारा है। एफबीआई एजेंट्स ने घंटों उनके आवास और कार्यालय को खंगाला। एजेंट्स ने तलाशी के दौरान मिलीं कुछ फाइलें व अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। एजेंट्स अपने साथ दस्तावेज और फाइलों के ढेर ले गए। पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन ने कई बार राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप की तीखी आलोचना की है।

एबीसी न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, शुक्रवार सुबह संघीय एजेंटों ने ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के मैरीलैंड स्थित आवास और वाशिंगटन, डी.सी. स्थित कार्यालय की तलाशी ली। यह छापा इस आशंका में मारा गया कि बोल्टन के आवास और कार्यालय में गोपनीय रिकॉर्ड है। इस कार्रवाई पर एफबीआई निदेशक काश पटेल ने सोशल मीडिया पर कहा, "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एफबीआई एजेंट मिशन पर हैं।" अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने पटेल की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अमेरिका की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। न्याय जरूर होगा। हमेशा।"

एफबीआई एजेंट लगभग छह वाहनों के साथ सुबह लगभग 7 बजे तक बोल्टन के घर पर रहे। इस दौरान स्थानीय मोंटगोमरी काउंटी पुलिस ने बोल्टन के आवास की ओर जाने वाली गली के दोनों प्रवेश द्वारों को अवरुद्ध कर दिया। करीब एक घंटे बाद एफबीआई एजेंट्स आवास से फाइलों का ढेर लेकर निकले। कयास लगाए जा रहे हैं कि बोल्टन लंबे समय से ट्रंप के निशाने पर हैं। बोल्टन ने हाल ही में ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में हुई बैठक के बाद आलोचना की थी।

सूत्रों ने बताया है कि मैरीलैंड के एक संघीय मजिस्ट्रेट न्यायाधीश ने बोल्टन के आवास और वाशिंगटन के एक अन्य संघीय मजिस्ट्रेट न्यायाधीश ने उनके डाउनटाउन डी.सी. कार्यालय की तलाशी लेने की अनुमति प्रदान की।सीबीएस न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, बोल्टन ने संपर्क करने की कई कोशिशों के बावजूद एफबीआई के छापों पर कोई जवाब नहीं दिया। वह पूर्वी समयानुसार दोपहर दो बजे के बाद अपने आवास लौटे। तब तक एफबीआई एजेंट वहां से जा चुके थे।

राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार सुबह पीपुल्स हाउस संग्रहालय के संक्षिप्त दौरे के दौरान पत्रकारों से कहा कि उन्हें बोल्टन के आवास पर मारे गए एफबीआई के छापे की जानकारी नहीं थी। उन्हें टीवी देखने पर इसकी जानकारी मिली। न्याय विभाग के प्रवक्ताओं ने भी टिप्पणी के तत्काल अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि बोल्टन ने ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में पदस्थ रहे हैं।17 महीने तक इस पद पर रहने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

इसके बाद बोल्टन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपने कार्यकाल पर एक किताब "द रूम व्हेयर इट हैपेंड" लिखी। उन्होंने किताब में ट्रंप पर कठोर टिप्पणियां की। ट्रंप प्रशासन ने इस किताब के प्रकाशन को रोकने की कोशिश की और बाद में उन पर मुकदमा दायर किया। न्याय विभाग ने इस बात की आपराधिक जांच शुरू की कि क्या बोल्टन ने गोपनीय जानकारी प्रकाशित की।


 जून 2020 में अमेरिकी जिला न्यायाधीश रॉयस लैम्बर्थ ने बोल्टन की किताब के प्रकाशन को रोकने के न्याय विभाग के प्रयास को अस्वीकार कर दिया, लेकिन संबंधित गोपनीय सामग्री पर टिप्पणी की। लैम्बर्थ ने फैसले में कहा कि बोल्टन ने "अपने गैर-प्रकटीकरण समझौते के दायित्वों का उल्लंघन करते हुए वर्गीकृत जानकारी का खुलासा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला है।" लैम्बर्थ ने यह भी लिखा, "बोल्टन ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने अपने देश को नुकसान पहुंचाया है।"

नवंबर 2020 में ट्रंप ने अपनी पुस्तक में दावा किया कि बोल्टन ने "अवैध रूप से बहुत सी गोपनीय जानकारी जारी की।" उन्होंने एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में बोल्टन को "एक गिरा हुआ व्यक्ति कहा। ट्रंप ने कहा कि संवेदनशील गोपनीय जानकारी को लाभ के लिए प्रसारित करने के लिए उन्हें जेल में होना चाहिए। बाद में बाइडेन प्रशासन ने बोल्टन की जांच बंद कर दी और उनके खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया। यह तथ्य छुपा नहीं है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के 24 घंटे के भीतर उनके प्रशासन ने बोल्टन की अमेरिकी गुप्त सेवा सुरक्षा हटा ली थी। बोल्टन को यह सुरक्षा दिसंबर 2021 में ईरान से मिली धमकी के बाद बाइडेन प्रशासन ने प्रदान की थी।