काठमांडू: नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने लुम्बिनी विकास कोष तथा
लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत–नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव
का तृतीय संस्करण आयोजित किया।
लुम्बिनी में भारत–नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव का तृतीय संस्करण आयोजित
काठमांडू: नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने लुम्बिनी विकास कोष तथा
लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत–नेपाल सांस्कृतिक महोत्सव
का तृतीय संस्करण आयोजित किया।इस महोत्सव में भारत और नेपाल की
समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं परंपराओं का उत्सव मनाया गया, जिसमें विशेष
रूप से बौद्ध सभ्यता पर केंद्रित कार्यक्रम शामिल थे। कार्यक्रम का
संयुक्त उद्घाटन लुम्बिनी प्रदेश के राज्यपाल कृष्ण बहादुर घर्ती, भारत
सरकार के विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (उत्तर) मनु महावर, लुम्बिनी
विकास कोष के उपाध्यक्ष डॉ. ल्हार्क्याल लामा तथा नेपाल स्थित भारतीय
दूतावास के उप मिशन प्रमुख डॉ. राकेश पांडेय द्वारा किया गया। समारोह में नागरिक समाज, शिक्षाविदों, वरिष्ठ भिक्षुओं तथा लुम्बिनी विकास कोष के सदस्यों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही।महोत्सव
में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जिनमें भारत और नेपाल के
प्रतिष्ठित कलाकारों ने प्रस्तुति दी। छह सदस्यीय आईसीसीआर दल, जिसका
नेतृत्व संध्या कुंजन मेनन दास ने किया, ने बौद्ध विषय पर आधारित ओडिसी
नृत्य प्रस्तुत किया। इसके अलावा, नेपाली बैंड ‘घुगु मुगु’ द्वारा पारंपरिक
संगीत प्रस्तुति भी दी गई।इस महोत्सव के तहत बीते दिन सोमवार को
पूर्वाह्न में लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में “भारत–नेपाल बौद्ध विरासत:
एक साझा धरोहर” शीर्षक से एक शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया था।
इसमें भारत और नेपाल के प्रमुख बौद्ध विद्वानों ने भाग लिया और बौद्ध
विरासत के महत्व पर अपने विचार साझा किए थे। वक्ताओं ने इस साझा
धरोहर की भूमिका पर प्रकाश डाला, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों
को सुदृढ़ करने और जन–स्तरीय संपर्क को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है। इस
कार्यक्रम ने दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को
पुनः रेखांकित किया।