काठमांडू: नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपनी सरकार के
100 दिन पूरे होने पर कहा है कि उनकी सरकार ने सुशासन और चुनाव को अपनी
एकमात्र प्राथमिकता बनाया है और आगामी चुनाव ही स्थिरता तथा लोकतांत्रिक
पुनर्जागरण का एकमात्र व्यवहारिक रास्ता हैं।
उन्होंने कहा, “जेन-ज़ी आंदोलन की भावना से प्रेरित
होकर इस सरकार ने सुशासन और चुनाव को ही अपना एकमात्र लक्ष्य बनाया है।
चुनाव में कौन जीतता है या हारता है, यह गौण है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि
हमारा लोकतंत्र और राष्ट्रीय अखंडता मजबूत रहे।”
चुनाव की तैयारी के संबंध में उन्होंने कहा कि एकीकृत
चुनाव सुरक्षा योजना को मंजूरी दे दी गई है और नेपाल सेना की तैनाती
सुनिश्चित की गई है। अशांति के दौरान लूटे गए 1,342 हथियारों में से
अधिकांश बरामद कर लिए गए हैं, जबकि पुलिस ने अतिरिक्त 32 अवैध हथियार भी
जब्त किए हैं। क्षतिग्रस्त 465 पुलिस कार्यालयों को फिर से संचालन में लाया
गया है।
उन्होंने कहा, “अराजकता किसी को खुशी नहीं देती;
केवल शांति और स्थिरता ही समृद्धि का द्वार खोलती है,” और नागरिकों से 5
मार्च 2026 के चुनाव को राष्ट्रीय नवजागरण का एक ऐतिहासिक मील का पत्थर
बनाने का आह्वान किया।
सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा चुनाव एकमात्र लक्ष्य
जेन-ज़ी आंदोलन के बाद
गठित सरकार के 100 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में
प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि सरकार 5 मार्च 2026 को प्रतिनिधि सभा का
चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में कराने के लिए दृढ़
संकल्पित है।
जेन-ज़ी
आंदोलन के बाद हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 और 9
सितंबर की दुखद घटनाओं के बाद देश फिर से शांति के मार्ग पर लौट आया है।
उन्होंने बताया कि जान गंवाने वालों को शहीद घोषित किया गया है, घायलों के
इलाज और आजीविका सहायता की प्रक्रिया जारी है तथा क्षतिग्रस्त संरचनाओं के
पुनर्निर्माण का काम भौतिक अवसंरचना पुनर्निर्माण कोष के माध्यम से शुरू हो
चुका है।
धैर्य रखने पर जोर देते हुए
उन्होंने कहा कि सार्थक परिवर्तन रातोंरात संभव नहीं है और जेन-ज़ी आंदोलन
की उपलब्धियों को संस्थागत रूप देने के लिए निरंतर प्रयास और समय की
आवश्यकता होगी।
