काठमांडू। धर्म परिवर्तन के लिए ईसाई धर्म का प्रचार करने के आरोप
में शुक्रवार को धरान से गिरफ्तार किए गए 17 अमेरिकी नागरिकों को नेपाल से
डिपोर्ट कर दिया गया है। अध्यागमन विभाग द्वारा इन सभी का वीजा रद्द करने
के बाद शनिवार देर रात इन सभी को विमान में बिठाकर वापस अमेरिका भेज दिया
गया।
नेपाल के पूर्वी क्षेत्र धरान उप महानगरपालिका में एक चर्च
बनाने के लिए श्रमदान करने और उसकी आड़ में ईसाई धर्म के प्रचार के आरोप
में 17 अमेरिकी और 1 भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया था। इन पर टूरिस्ट
वीजा पर नेपाल आकर धर्म प्रचार करने के आरोप था। धरान में गिरफ्त सभी
अमेरिकी नागरिकों को काठमांडू के अध्यागमन विभाग के हवाले कर दिया गया था।
अध्यागमन
विभाग के प्रवक्ता धर्मराज जोशी ने बताया कि जांच में वीजा नियमों के
उल्लंघन का आरोप साबित होने के बाद गिरफ्तार अमेरिकी नागरिकों का वीजा
तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। सभी को विमानस्थल पहुंचा कर उन्हें
कतर एयरवेज से अमेरिका डिपोर्ट कर दिया गया।
प्रवक्ता जोशी ने
बताया कि नेपाल के संविधान की धारा 26 के उपधारा 3 में ही धर्म परिवर्तन के
लिए प्रचार करने को गैर कानूनी माना गया है। टूरिस्ट वीजा पर आए इन
अमेरिकी नागरिकों को चर्च का भवन बनाने के लिए श्रमदान करने और उसकी आड़
में धर्म परिवर्तन के लिए घूम-घूम कर प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार
किया गया था।
इन अमेरिकी नागरिकों में रायन मैथ्यू कार्टर, सिलास
डैनियल फॉक्स, रसेल थॉमस हॉवेल्स, रोज़ ब्रायन हॉवेल्स, मार्क एलन मैथ्यू,
ब्रायन केनेडी, प्याट्रिक इरविन समर्स, डुआन माइकल गोडलिड, बैनमिन वार्ड
कौफ मैन, ब्रायन वार्ड कौफ, डिलन जैक्सन बोन्जो, कैथलिन सु मूर, डासन
एन्ड्रु कार्टर, जेम्स नाथन अस्टिन, विलियम रेमन्ड बीवीयानो जूनियर, केनेथ
डेविड ग्रे और जेम्स रे मर्फी थर्ड शामिल हैं। इनके साथ गिरफ्तार भारतीय
नागरिक पश्चिम बंगाल सिलीगुड़ी निवासी पास्टर वसंत लामा को लेकर अब तक कोई
जानकारी नहीं दी गई है।
नेपालः धर्मपरिवर्तन के लिए ईसाई धर्म का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार 17 अमेरिकी नागरिक डिपोर्ट किए गए
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