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उच्च प्राथमिक नियुक्ति में सुपर न्यूमेरेरी पद रद्द, हाई कोर्ट के फैसले से ममता सरकार को झटका



कोलकाता:  प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति मामले में मिली राहत के सिर्फ एक दिन बाद ही बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उच्च प्राथमिक नियुक्ति में बनाए गए सुपर न्यूमेरेरी यानी अतिरिक्त शून्य पदों को पूरी तरह रद्द कर दिया है। गुरुवार को न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने यह आदेश सुनाया।




अदालत ने कहा कि नियमित नियुक्ति प्रक्रिया की तरह सुपर न्यूमेरेरी पद नहीं बनाए जा सकते। ऐसे पद केवल विशेष परिस्थिति में ही बनाए जाते हैं। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि “राजनीतिक नैतिकता के सामने संवैधानिक नैतिकता कभी कमज़ोर नहीं होती।”



राज्य सरकार ने उच्च प्राथमिक स्तर पर कार्य शिक्षा और शारीरिक शिक्षा विषयों में प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति करने के लिए कुल 1600 अतिरिक्त पद बनाने का निर्णय लिया था। इनमें 750 पद कार्य शिक्षा और 850 पद शारीरिक शिक्षा के लिए रखे गए थे। इस संबंध में मई 2022 और 14 अक्टूबर, 2022 को दो सरकारी विज्ञप्तियां जारी की गई थीं।



गुरुवार को अदालत ने दोनों ही विज्ञप्तियों को रद्द कर दिया। न्यायालय ने कहा कि पैनल की वैधता समाप्त होने के बाद अतिरिक्त पद बनाना नियमों के खिलाफ है और समाप्त हो चुकी प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति देना बिल्कुल संभव नहीं है।



उच्च प्राथमिक नियुक्ति से जुड़े अन्य मुद्दों पर सुनवाई अब जनवरी में होगी। राज्य के लिए यह फैसला इसलिए बड़ा झटका है क्योंकि सिर्फ 24 घंटे पहले ही हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने 32 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति को बरकरार रखते हुए सरकार को राहत दी थी।