मेदिनीपुर, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों से होकर बहने वाली कलेघाई नदी में वर्तमान जलस्फीति की स्थिति गंभीर हो गई है। इसको देखते हुए तत्काल राहत और स्थायी समाधान की मांग को लेकर सोमवार को मेदिनीपुर जिला बाढ़ एवं भांगन प्रतिरोध समिति की ओर से राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइंया, दोनों जिलों के जिलाधिकारियों तथा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंपा गया।
समिति के संयुक्त सचिव नारायण चंद्र नायक ने बताया कि कलेघाई नदी के निचले हिस्से की वर्षों से मरम्मत न होने के कारण हर वर्ष थोड़ी अधिक वर्षा या झारखंड के जलाशयों से पानी छोड़े जाने पर पूर्व मेदिनीपुर के भगवानपुर-1 और 2, पाटाशपुर-1 और 2 तथा पश्चिम मेदिनीपुर के सबांग और नारायणगढ़ ब्लॉक के हजारों लोग बाढ़ की गंभीर समस्या से जूझते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में कलेघाई नदी के तालछिटकिनी इलाके में तटबंध टूटने से हुई विनाशकारी बाढ़ के बाद प्रशासन ने अवैध ईंट भट्टों और मछलीघरों को हटाकर नांगलकाटा से डाउभांगा तक नदी की संपूर्ण मरम्मत का आश्वासन दिया था। परंतु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप इस वर्ष भारी वर्षा और बैराज से अधिक जल छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कुछ स्थानों पर धंसान और घोग बन चुके हैं।
नारायण चंद्र नायक ने यह भी आरोप लगाया कि दो माह पूर्व डब्ल्यूबीएमडीटीसीएल द्वारा नियुक्त एक ठेकेदार ने नो कॉस्ट पद्धति पर आंशिक मरम्मत का कार्य शुरू किया था, किंतु कार्य की प्रगति नगण्य रही।
उन्होंने मांग की कि वर्तमान जलस्फीति की स्थिति से तत्काल निपटने के साथ-साथ नवंबर माह से नदी के उक्त हिस्से का पूर्ण पुनर्निर्माण कार्य आरंभ कर आगामी वर्षा ऋतु से पहले पूरा किया जाए। समिति ने ई-मेल के माध्यम से इस संबंध में सिंचाई मंत्री, दोनों जिलाधिकारियों और विभागीय मुख्य अभियंता को ज्ञापन भेजा है।
नारायण ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो समिति प्रभावित लोगों को लेकर व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
मेदनीपुर के कलेघाई नदी में जलस्तर बढ़ा, प्रशासन से त्वरित कदम की मांग
