जानकारी के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची
14 फरवरी को प्रकाशित की जानी है और इसके तुरंत बाद राज्य में विधानसभा
चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की संभावना है।
एसआईआर : सुनवाई सत्रों में अतिरिक्त सहायता के लिए निर्वाचन आयोग से मांगी अनुमति
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण
(एसआईआर) को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी
कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग से अहम अनुमति मांगी है।
कार्यालय ने आग्रह
किया है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई के दौरान
निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की सहायता के लिए सहायक निर्वाचन पंजीकरण
अधिकारियों को भी शामिल करने की अनुमति दी जाए।
16 दिसंबर को
ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद यह तय किया गया था कि राज्य की
294 विधानसभा सीटों में से हर सीट के लिए 10 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी
सुनवाई की जिम्मेदारी संभालेंगे।
हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय
से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं
की संख्या काफी अधिक है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सुनवाई करना केवल
निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के लिए व्यावहारिक रूप से मुश्किल हो सकता
है।
इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय
गृह मंत्रालय से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा के लिए
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का भी अनुरोध किया है।
बताया जा रहा है कि आयोग के प्रस्ताव के अनुसार विधानसभा चुनाव की तारीखों
की घोषणा के बाद जब तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी, तब तक केंद्रीय बलों
की तैनाती जारी रह सकती है।
