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ईडी ने मंत्री सुजीत बोस के ठिकानों से बरामद की 45 लाख रुपये नकद राशि, कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त


कोलकाता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस के ठिकानों पर की गई व्यापक तलाशी अभियान के दौरान 45 लाख रुपये नकद, कई संपत्ति संबंधी दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। यह कार्रवाई नगर निकायों में कथित अनियमित नियुक्तियों से जुड़े धनशोधन के मामले में की गई है।

ईडी के एक अधिकारी ने रविवार रात विशेष तौर पर 'हिन्दुस्थान समाचार" को बताया कि एजेंसी ने शुक्रवार को कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले के कई इलाकों में सुजीत बोस और अन्य संबंधित लोगों के कुल 13 परिसरों पर छापेमारी की। इनमें मंत्री के पुत्र समुद्र बोस के वीआईपी रोड स्थित बार और ढाबा भी शामिल हैं। तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज़, संपत्ति से जुड़े कागजात, डिजिटल डिवाइस और 45 लाख रुपये नकद बरामद हुए।

ईडी ने बताया कि यह जांच कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। यह मामला नगरपालिकाओं में भर्ती घोटाले से जुड़ा है, जिसमें सैकड़ों करोड़ रुपये के लेन-देन की आशंका है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि राज्यभर की कई नगरपालिकाओं में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गईं।

ईडी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान वर्ष 2023 में अयन शील और अन्य से जुड़े परिसरों में भी छापेमारी की गई थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए थे। जांच में खुलासा हुआ कि यह घोटाला केवल शिक्षकों की भर्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कंचरापाड़ा, न्यू बैरकपुर, कामरहटी, टिटागढ़, बारानगर, हालीशहर, साउथ दमदम (उत्तर), दमदम सहित कई नगरपालिकाओं में मजदूर, झाड़ूदार, क्लर्क, चपरासी, एंबुलेंस अटेंडेंट, असिस्टेंट मिस्त्री, पंप ऑपरेटर, हेल्पर, स्वच्छता सहायक और चालक जैसी नियुक्तियां भी शामिल हैं।

जांच में यह भी पाया गया कि विभिन्न नगर निगमों और नगरपालिकाओं के ठेके एक ही कंपनी—एम/एस एबीएस इन्फोज़ॉन प्राइवेट लिमिटेड (निदेशक : अयन शील) को दिए गए थे। इस कंपनी को प्रश्नपत्रों की छपाई, ओएमआर शीट्स की तैयारी, मूल्यांकन और मेरिट सूची बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

ईडी के अनुसार, अयन सिल ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए ओएमआर शीट्स में हेराफेरी कर कई अयोग्य अभ्यर्थियों को धन के बदले नियुक्त करवाया।

एजेंसी ने पहले ही सिल के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, कोलकाता में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। ईडी ने इससे पहले 12 जनवरी 2024 को भी मंत्री सुजीत बोस, विधायक रथिन घोष (खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री) और अन्य नगर निकाय अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की थी।