पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नवीन पुलिस केन्द्र,
पटना परिसर में केन्द्रीकृत रसोई-सह-भोजनालय (जी+4) एवं 700 क्षमता का
पुरुष सिपाही बैरक (जी+7) ब्लॉक-ए का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर
उद्घाटन किया।
को भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है। भविष्य में इनकी संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने 700 क्षमता वाले पुरूष सिपाही बैरक का किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना पुलिस केन्द्र में
रहनेवाले पुलिस बलों को अपनी ड्यूटी करने के साथ-साथ राशन, भोजन आदि की
व्यवस्था करने में काफी कठिनाई होती थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए
पुलिस लाईन में 'जीविका दीदी की रसोई' का शुभारंभ किया जा रहा है।
इससे
यहां रहनेवाले लगभग 3 हजार पुलिस बलों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन प्राप्त
होगा। समय एवं श्रम की बचत होने से वे बेहतर ढंग से अपनी ड्यूटी कर
सकेंगे। साथ ही इससे लगभग 120 जीविका दीदियों को रोजगार प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री
ने पटना पुलिस लाइन के विस्तार हेतु फेज-2 में 266 करोड़ रूपये की
प्रस्तावित योजनाओं के मॉडल का अवलोकन किया, इस दौरान उन्होंने अधिकारियों
से योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि
फेज-2 के अन्तर्गत सार्जेंट मेजर आवास (खण्ड-1, 14 फ्लैट), पुरूष सिपाही
बैरक (तीन खण्ड, 700 बेड प्रति खण्ड), महिला सिपाही बैरक (एक खण्ड, 500 बेड
प्रति खण्ड), यूएस क्वार्टर (84 फ्लैट), एलएस क्वार्टर (28 फ्लैट), सेवक
क्वार्टर, विद्यालय भवन, सिवर लाइन, ट्यूब्यूलर फायरिंग रेंज एवं ऑडिटोरियम
का निर्माण किया जायेगा।
फेज-1 के अन्तर्गत प्रशासनिक भवन (आरक्षित
कार्यालय), महिला पुलिस बैरक (दो खण्ड- 500 बेड प्रति खण्ड), पुरूष सिपाही
बैरक (तीन खण्ड, 700 बेड प्रति खण्ड) तथा केन्द्रीकृत रसोई एवं भोजनालय का
निर्माण पूर्ण हो चुका है जिसका आज उद्घाटन किया गया है। मुख्यमंत्री ने
कहा कि फेज-2 के अन्तर्गत जिन योजनाओं का निर्माण किया जाना है उसे जल्द
पूर्ण करें।
दीदी की रसोई की शुरूआत वर्ष 2018 में
वैशाली जिले के सदर अस्पताल, हाजीपुर से हुई थी। बाद में राज्य सरकार के
सहयोग से सभी सदर एवं अनुमंडल अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों,
कल्याण आवासीय विद्यालयों, वृद्धाश्रमों, प्रशासनिक कार्यालयों, बिहार
पुलिस अकादमी, राजगीर सहित सभी पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों में कुल 334
'दीदी की रसोई' का संचालन किया जा रहा है।
जिला निबंधन कार्यालय पटना में
'दीदी की रसोई' के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा
इसका नामकरण 'जीविका दीदी की रसोई' करने का निर्देश दिया गया था। तब से इसे
'जीविका दीदी की रसोई' कहा जाता है।
'जीविका दीदी की रसोई' से लोगों को
सस्ता पौष्टिक भोजन प्राप्त हो रहा है। साथ ही 4 हजार से अधिक जीविका
दीदियों को सीधे रोजगार मिल रहा है। इसके अतिरिक्त राशन, सब्जी, फल इत्यादि
की आपूर्ति करनेवाले स्वयं सहायता समूहों की जीविका दीदियों
