नई
दिल्ली: आईआईटी-आईएसएम धनबाद के शताब्दी वर्ष समारोह
में देश के जाने-माने उद्योगपति और अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी
मंगलवार को शामिल हुए। उन्होंने यहां आईआईटी-आईएसएम धनबाद के छात्रों के
लिए पेड इंटर्नशिप और 3एस माइनिंग एक्सलेंस सेंटर की स्थापना की घोषणा की।
अडाणी ने इस अवसर पर देश की चुनौतियों और उसके समाधान पर भी चर्चा की।
अडाणी
समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी जब शताब्दी समारोह में पहुंचे, तो पूरा
ऑडिटोरियम जोश और गर्व से भर गया। हर चेहरा उत्साहित था, हर आंखों में
भविष्य के सपनों की चमक थी। छात्रों की आंखों में चमक थी, मानो वे अपने
सपनों को साकार होते देख रहे हों। शिक्षकों के चेहरे पर गर्व की मुस्कान
थी, और अतिथि भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने पर खुद को भाग्यशाली मान
रहे थे। ऑडिटोरियम में तालियों की गूंज थी, मानो हर कोई इस विचार से सहमत
हो कि भारत की असली ताकत उसकी मिट्टी में छुपी है।
गौतम
अडाणी ने अपने संबोधन की शुरुआत धनबाद की इस ज्ञानभूमि को प्रणाम करते हुए
की। उन्होंने कहा कि अगर भारत को अपनी तक़दीर संवारनी है, तो उसे अपनी धरती
की ताकत को समझना होगा। गौतम अदाणी ने बताया कि सौ साल पहले जब भारत
ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस संस्थान
की स्थापना की सिफारिश की थी। उनका कहना था कि एक राष्ट्र तभी महान बनता
है, जब वह अपनी धरती की भाषा सीख लेता है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय
का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा सदियों पुरानी है और
आईआईटी-आईएसएम धनबाद उसी परंपरा का आधुनिक रूप है।
आईआईटी-आईएसएम धनबाद के शताब्दी वर्ष समारोह में अडाणी ने छात्रों से देश की चुनौतियों पर चर्चा की
