नई
दिल्ली; केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
मंगलवार को कहा कि आर्थिक गतिविधियों के डिजिटलीकरण और नए वित्तीय उत्पादों
के आने से वैश्विक अर्थव्यवस्था नई चुनौतियों का सामना कर रही है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन मुद्दों पर सभी अधिकार क्षेत्रों को
मिलकर कार्रवाई करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने यहां
आयोजित 18वीं वैश्विक मंच की पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सीतारमण ने कहा कि नई चुनौतियां हैं जिनके लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता
है। उन्होंने अपने संबोधन में खास तौर पर अर्थव्यवस्था के डिजिटलाइजेशन,
नए वित्तीय उत्पादों के आने और लाभकारी स्वामित्व के बदलते स्ट्रक्चर की
ओर इशारा किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन चुनौतियों से
निपटने के लिए सभी देशों के बीच सामूहिक कार्रवाई बेहद जरूरी है। उन्होंने
कहा कि जानकारी शेयर करने को बेहतर बनाने के लिए देश मिलकर काम कर रहे
हैं। इसलिए हमें गोपनीयता और साइबर सिक्योरिटी का बहुत ध्यान रखना होगा। ये
ऐसी चुनौतियां नहीं हैं, जिन्हें कोई एक देश अकेले सुलझा सकता है।
उन्होंने कहा कि इनके लिए तालमेल, भरोसा और ज़रूरी जानकारी का समय पर
लेन-देन ज़रूरी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी और कृत्रिम
मेधा सूचना को समय पर और कुशलता से समझने में मदद करती हैं, लेकिन सबसे
महत्वपूर्ण बात है निर्णय, जिम्मेदारी और प्रक्रिया के प्रति सम्मान।
उन्होंने कहा कि नवाचार हमेशा जवाबदेही के साथ चलना चाहिए। यही संतुलन
प्रणालियों को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान करता है।
इस मौके पर
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ
अधिकारी भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 18वीं वैश्विक मंच पूर्ण बैठक एक
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है, जो टैक्स ट्रांसपेरेंसी और अंतरराष्ट्रीय
को-ऑपरेशन के जरिए ऑफशोर टैक्स चोरी के खिलाफ लड़ाई पर फोकस करती है। ये
बैठक 2-4 दिसंबर तक हो रही है। इसको ओईसीडी ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपेरेंसी
एंड एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फॉर टैक्स पर्पस (ग्लोबल फोरम) नई दिल्ली में
आयोजित कर रहा है।