फिल्म
निर्माता बोनी कपूर कई सालों से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। उन्होंने
शुरुआती दिनों में परिवार के संघर्ष और हुए नुकसान पर टिप्पणी की है।
मुंबई आने से पहले बोनी के पिता सुरिंदर कपूर 10 नौकरियां खो चुके थे।
पारिवारिक स्थिति को देखते हुए बोनी और अनिल कपूर ने अपने पिता पर बोझ कम
करने के लिए अभिनय क्षेत्र में उतरने का फैसला किया।
दिए
इंटरव्यू में बोनी ने कहा, “मेरे पिता को पृथ्वीराज कपूर मुंबई लाए थे।
मेरे पिता ने 10-12 नौकरियां छोड़ीं, मेरे दादाजी ने मेरे पिता को
पृथ्वीराज कपूर को सौंप दिया। वास्तव में उन्हें काम से निकाल दिया गया,
क्योंकि वे श्रमिकों के लिए लड़ रहे थे। अपने पिता की शादी के बाद वह राज
कपूर के घर में ही रहते थे। उनका परिवार उनके नौकर के कमरे में रहे।”
उन्होंने
कहा, “मेरी दादी के निधन के बाद अनिल और मैंने फैसला किया कि वह अभिनय
करेंगे और मैं निर्माण करूंगा, क्योंकि घर की देखभाल के लिए किसी की जरूरत
थी। मेरे पिता को हृदय संबंधी समस्या थी, इसलिए हम उन्हें तनाव नहीं देना
चाहते थे। मैंने एक सहायक के रूप में शुरुआत की, दुर्भाग्य से मेरे पिता की
एक फिल्म की शूटिंग के दौरान निर्देशक का निधन हो गया। फिर उन्होंने फिल्म
को पूरा करने के लिए दूसरे निर्देशक की तलाश की। वित्तीय संकट के बावजूद
उन्होंने अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए दूसरे निर्देशक को नियुक्त करने की
कोशिश की, लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
बोनी
कपूर के काम की बात करें तो हाल ही में उनके द्वारा निर्मित फिल्म ‘मैदान
रिलीज हुई है। इस फिल्म में अजय देवगन और प्रियामणि मुख्य भूमिका निभा रहे
हैं । फिल्म ने एक हफ्ते में 31.86 करोड़ रुपये की कमाई की है।
बोनी कपूर ने बताई फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले परिवार के संघर्ष की कहानी
