पीड़ितों से हुई अपनी
मुलाकातों को याद करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि वे कई ऐसे परिवारों से
मिले जिन्होंने आतंकवाद में अपने प्रियजनों को खो दिया और वर्षों तक चुपचाप
संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि उनमें से एक ने मुझे बताया कि घर तबाह
होने के बाद उसकी मां को उसे पालने के लिए भीख मांगनी पड़ी। कई बच्चे बिना
माता-पिता के बड़े हुए, फिर भी उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी,
संभागीय आयुक्त कश्मीर अंशुल गर्ग और पीड़ितों के परिवार के सदस्य उपस्थित
थे। कार्यक्रम का समापन उपराज्यपाल द्वारा सरकार की सहानुभूति से ठोस
कार्रवाई की ओर बढ़ने पर संतोष व्यक्त करने के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि यह
केवल सहायता नहीं है, यह उनके बलिदान को हमारी श्रद्धांजलि
है।-----------------
प्रशासन जम्मू-कश्मीर के हर पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है : मनोज सिन्हा
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन हर पीड़ित परिवार के साथ मजबूती
से खड़ा है और हर संभव तरीके से उनका समर्थन करता रहेगा। आतंकी हमले के
पीड़ितों के परिवारों को सरकारी नौकरियां प्रदान करने की पहल लगभग 13 महीने
पहले शुरू हुई थी, जब कश्मीर मंडल के कुछ प्रभावित परिवार उनसे मिले और
अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए।
उन्होंने कहा कि उनकी कहानियों ने मुझे बहुत
प्रभावित किया और हमने पुनर्वास के लिए वास्तविक मामलों की पहचान करने और
उन्हें सरकारी नौकरियां प्रदान करने का निर्णय लिया। यह बातें जम्मू-कश्मीर
के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कही।
उपराज्यपाल शनिवार को श्रीनगर
के लोक भवन सभागार में आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवार वालों को नियुक्ति
पत्र सौंपा और प्रभावित परिवारों को न्याय, रोजगार और सम्मान प्रदान करने
के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उपराज्यपाल
सिन्हा ने बताया कि कैसे दशकों तक आतंकवाद से वास्तव में प्रभावित लोगों को
नजरअंदाज किया गया जबकि आतंकवादी तंत्र से जुड़े लोगों ने अनुचित लाभ
उठाया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब निर्दाेष नागरिक मारे जा रहे थे लेकिन
आतंकवाद का तंत्र फल-फूल रहा था।
आतंकवाद से प्रभावित लोगों को चुपचाप
सहने के लिए छोड़ दिया गया जबकि आतंकवाद के समर्थकों को विशेषाधिकार प्राप्त
थे। उन्होंने इसे एक दर्दनाक विरोधाभास बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का
महिमामंडन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उपराज्यपाल
ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में आतंकवाद से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप
से जुड़े कई सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है और संस्थानों को
आतंकी तंत्र के प्रभाव से मुक्त करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने
कहा कि झूठे प्रचार और आतंकवाद में सहायता करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की
पहचान कर उसे दंडित किया जाएगा।
अपनी सरकार के संकल्प को दोहराते हुए
सिन्हा ने कहा कि प्रशासन जम्मू और कश्मीर को आतंकवाद और उसके तंत्र से
पूरी तरह मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी रूप में
आतंकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी सजा दी जाएगी। शांति
की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी परिवार फिर से पीड़ित न हो,
हमारा सामूहिक कर्तव्य है।
