देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में 157 वीं पासिंग आउट
(पीओपी) परेड के बाद शनिवार को 491 जैंटलमैन कैडेट बतौर अफसर भारतीय सेना
का हिस्सा बन गए। साथ ही मित्र देशों के 34 कैडेट भी पास आउट होकर
अपने-अपने देशों की सेना का हिस्सा बने। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र
द्विवेदी ने बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी ली। इस दौरान देशभक्ति के
गीतों पर इन वीरों की कदमताल देखते ही बन रही थी।
टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में
मेरिट में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल
एंट्री स्कीम–46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को
रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट
सुनील कुमार छेत्री को दिया गया।
157वें कोर्स के साथ भारतीय
सैन्य अकादमी ने एक बार फिर राष्ट्र के लिए साहस, पेशेवर दक्षता और अटूट
समर्पण से नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के निर्माण की अपनी गौरवशाली
परंपरा को सुदृढ़ किया है।
आईएमए की गौरवशाली परंपरा: भारतीय सेना को मिले 491 युवा अफसर
आज अकादमी उस
ऐतिहासिक पल का गवाह बना,जब 491 भारतीय और 14 मित्र देशों के 34 कैडेट
सहित कुल 525 कैडेट ने जोश के साथ कदमताल करते हुए एक नई जिम्मेदारी की तरफ
कदम बढ़ाए। आईएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड
सुबह 09 बजकर 05 मिनट पर परेड शुरू हुई। कदम से कदम मिलाकर भावी अफसर परेड
कमांडर अंकित चौधरी की अगुवाई में परेड मैदान पहुंचे।
समीक्षा अधिकारी
उपेंद्र द्विवेदी ने सलामी लेकर परेड का निरीक्षण किया। यहां विजय धुन पर
कदमताल की। मुख्य अतिथि ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य
उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। देश के भावी सैन्य अफसरों ने जब सैन्य अकादमी
में अंतिम पग भरा तो इस दौरान उन पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई।
थल
सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने परेड की समीक्षा की और नव-नियुक्त
अधिकारियों को प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर बधाई देते हुए कहा कि
युवा अधिकारियों के उच्च स्तर के अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की
प्रशंसा की। उन्होंने उन्हें भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा के निर्वहन
और निष्ठा, प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान
किया।
इस मौके उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन प्राप्त करना केवल प्रशिक्षण
की समाप्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति आजीवन कर्तव्य और निःस्वार्थ
सेवा की शुरुआत है। यह न केवल भारत के रक्षा नेतृत्व को सुदृढ़ करती है
बल्कि मित्र देशों के साथ दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को भी सशक्त बनाती है।
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर
एवं स्वर्ण पदक (मेरिट में प्रथम) एसीए निश्कल द्विवेदी को प्रदान किया
गया। रजत पदक (द्वितीय स्थान) बीयूओ बादल यादव तथा कांस्य पदक (तृतीय
स्थान) एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला।
विदेशी कैडेट्स में मेरिट में
प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ को मिला। ऑटम
टर्म 2025 में समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को
थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया।
