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अंबाजी में गुजरात का पहला आदिवासी बालिका बैग पाइपर बैंड लॉन्च, संगीत के जरिए बेटियाँ बनेंगी आत्मनिर्भर



अम्बाजी:  गुजरात के अंबाजी में अब बेटियां संगीत के ज़रिए आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके लिए श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी ने पहला आदिवासी बालिका बैग पाइपर बैंड बनाया है।



“भीख नहीं बल्कि पढ़ने जाएं” के संकल्प के साथ शिक्षा और महिला सशक्तीकरण का संदेश फैलाने का कार्य श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी पिछले पाँच वर्षों से निरंतर चल रहा है। संस्था ने गब्बर क्षेत्र के भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़कर एक नई राह दिखाने के साथ बालिका बैग पाइपर बैंड बनाया है।


श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी ने न केवल इन बच्चों को पढ़ाई की दिशा में आगे बढ़ाया, बल्कि उन्हें विभिन्न गतिविधियों के साथ बैग पाइपर बैंड की विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया, जिससे एक समय भूली जा चुकी इस संस्कृति को फिर से जीवंत किया गया है। लगातार 15 वर्षों की मेहनत और प्रेरणा से तैयार किए गए इस आदिवासी बालिका बैग पाइपर बैंड का शुभारंभ राज्य के वन मंत्री प्रवीणभाई माली और विधायक अनिकेत ठाकोर के हाथों हुआ।


इसी कड़ी में अब संस्था ने लगभग 150 आदिवासी बालिकाओं को दत्तक लेकर विशेष प्रशिक्षण देकर गुजरात का पहला बालिका बैग पाइपर बैंड तैयार किया है। कुमार बैग पाइपर बैंड ने पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में प्रभावी प्रस्तुति दी थी। उसके बाद अब बालिका बैग पाइपर बैंड का लोकार्पण भी शिक्षा और नारी सशक्तीकरण का मजबूत संदेश दे रहा है। संस्था इस कार्य से अंबाजी क्षेत्र के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है।


“भीख नहीं, पढ़ने जाएं” के संकल्प से जीवन में परिवर्तन


श्री शक्ति सेवा केंद्र, अंबाजी संस्था की संस्थापक उषाबेन अग्रवाल ने बताया कि ये सभी बालिकाएँ पहले गब्बर क्षेत्र में भिक्षावृत्ति करती थीं। संस्थान के संकल्प और प्रयासों से इन्हें शिक्षा से जोड़कर इनके जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया गया है। इस बैंड का मुख्य उद्देश्य आदिवासी बालिकाओं को सशक्त बनाना, उनका आत्मविश्वास बढ़ाना और उनकी प्रतिभा को बड़े मंच तक पहुँचाना है।


बैंड की बालिकाओं ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है। उत्तर गुजरात ज़ोन की सात जिलों की प्रतियोगिता में 11 टीमों में भाग लेकर द्वितीय स्थान प्राप्त करते हुए चैंपियन बनी हैं। यह गुजरात में ही नहीं, पूरे राज्य में पहला बालिका बैग पाइपर बैंड है, जिसमें कुल 50 बालिकाएँ शामिल हैं।


भविष्य में ये बालिकाएँ सेना और पुलिस के बैंड में भी शामिल हो सकती हैं। साथ ही निजी संस्थाओं के कार्यक्रमों में प्रस्तुति देकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगी। बालिकाएँ ब्यूगल बैग, पाइपर, सैक्सोफोन और ड्रम सेट जैसे वाद्ययंत्रों पर अपनी प्रतिभा निखार रही हैं। इस पूरी यात्रा में उषाबेन अग्रवाल इनके लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं रहीं।