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जिलाधिकारी बागपत की मानवीय पहल- कलेक्ट्रेट में बनवाए पक्षियों और कुत्तों के लिए आशियाना, ठंड से बचाव के लिए गदृे और तकिया भी



बागपत;  उत्तर प्रदेश के बागपत में जिला कलेक्ट्रेट इन दिनों पक्षियों और पशुओं के लिए एक खूबसूरत ठिकाना बन गया। यहां के जिलाधिकारी की पहल चर्चा का विषय बनी हुई और इसे एक मानवीय पहल के रूप में देखा जा रहा है। यहां के कलेक्ट्रेट में आने वाले फरियादियों के लिए लकड़ी के बेंच बनाये गए हैं तो पक्षियों के लिए भी पक्षी टावर बना दिया गया। इतना ही नहीं कलेक्ट्रेट परिसर में सर्दी से कुत्तों को बचाने के लिए वेस्ट मेटियरल का उपयोग कर उनके लिए एक खूबसूरत आशियाना बनाया गया है। इसमें गद्दे भी हैं और तकिया भी।




जिलाधिकारी अस्मिता लाल की यह पहल उस भारतीय सनातन संस्कृति की परंपरा का हिस्सा है, जिसमें पशु पक्षियों को दाना देकर पेट भरने की परंपरा आदिकाल से ही पूर्वज निभाते आये है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा उनकी पूजा की है जिन्होंने इंसान को कुछ ना कुछ दिया है। इस प्रकृति में सूर्य, हवा, पानी, मिट्टी और धरती पर मौजूद पेड़ -पौधे सभी को हमारे पूर्वजों ने ऊंचा स्थान दिया है। उनका मानना रहा है कि इन सभी की वंदना करने से, पशु पक्षियों की सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और उसका फल इंसान को ही मिलता है। ऐसी ही परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है ।



कुत्तों के लिए लगे गद्दे और तकिये


जिलाधिकारी अस्मिता लाल की पहल पर कलेक्ट्रेट भवन में एक दर्जन से अधिक कुत्तों के लिए छोटे छाेटे आशियाने बनाए गए हैं। जिनको स्पर्श पशु रैन बसेरा नाम दिया गया है। इन स्पर्श पशु रैन बसेरे में गद्दे लगाए गए हैं और तकिये भी मौजूद हैं । इतना ही नहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी जिलाधिकारी द्वारा की गई है।



वेस्ट वंडर प्लान किया तैयार


जिलाधिकारी अस्मिता लाल का कहना है वेस्ट वंडर कॉन्सेप्ट के आधार पर बागपत जनपद के सभी नगर निकायों, नगर पंचायत और अन्य स्थानों पर छोटे पशुओं के लिए इस तरह के आशियाने का निर्माण किया गया है। नगर पालिकाओं, नगर पंचायत से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल, ड्रम और टायरों से यह आशियाने तैयार किए गए हैं। जिसमें गद्दे और अन्य सामान का प्रयोग किया गया है। सर्दी को देखते हुए यह प्लान कारगर साबित हो रहा है इन आशियानों में छोटे पशु बैठने भी लगे हैं।



पक्षी टावर का भी हुआ निर्माण


आईएएस अस्मिता लाल ने बागपत कलेक्ट्रेट के अंदर पक्षी टावर का भी निर्माण कराया है। इसमें 40 से अधिक छोटे घर बने हैं। पक्षी उनमें अपना घोंसला बना रहे हैं । पूरे दिन होने वाली चिड़ियों की चहचहाचट बताती है कि जिलाधिकारी की यह पहल पक्षियों के लिए एक वरदान साबित हुई है और पक्षी अपना घर पाकर खुश हैं।