भोपाल,। मध्यप्रदेश में महिलायें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर हो,
इस दिशा में राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं तक मदद
पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इसकी एक अच्छी मिशाल रीवा जिले की सविता
विश्वकर्मा और निर्मला दुबे ने पेश की है।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश
मोदी ने गुरुवार को बताया कि रीवा जिले की जनपद पंचायत रीवा की ग्राम बेलहा
की सविता विश्वकर्मा अपने आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन दीदी के नाम से
पहचान बना चुकी है। विशेष प्रयासों से सविता का चयन ड्रोन पायलट के लिए
हुआ। सविता को प्रधानमंत्री नमों ड्रोन योजना के तहत इंदौर से ड्रोन पायलट
का प्रशिक्षण दिलाया गया। प्रशिक्षण के बाद सविता अपने गाँव के आस-पास के
खेतों में खाद और दवाई का छिड़काव कर अपनी आजीविका बेहतर ढंग से चला रही है।
सविता
की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। सविता मुश्किल में रहकर अपने परिवार का
जीवनयापन चला पाती थी। उन्होंने ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर 7 हजार
रुपये का ऋण प्राप्त किया और सिलाई मशीन खरीदी। इसके साथ ही उन्होंने अपने
पति को मोटर मैकेनिक केलिये ऋण दिलवाकर प्रशिक्षण भी दिलाया। सविता ने
शुरूआत में कृषि सखी बनकर ड्रोन पायलट की जानकारी प्राप्त की। आज सविता
जिलें की पहली ड्रोन पायलट बनकर कुशलता पूर्वक काम कर रही है। ड्रोन पायलट
के रुप में अब सविता प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर रही
है।
प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर हुई निर्मला दुबे
कृषि
एवं उसकी सहयोगी गतिविधियों से कृषि सखी निर्मला दुबे की आय में अच्छी खासी
बढ़ोत्तरी हुई है। निर्मला प्राकृतिक खेती से आत्मनिर्भर बनी है। उन्हें
राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान हैदराबाद से प्रशिक्षण दिलाया गया
है। प्रशिक्षण के दौरान कृषि सखी निर्मला को प्राकृतिक खेती के बारे में
व्यापक जानकारी दी गई है। निर्मला दुबे स्व-सहायता समूह से जुड़ी हुई है। आज
वे औसत रूप से प्रतिवर्ष एक लाख 25 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर रही
है। उन्होंने अपने परिवार के आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के लिए
पशुपालन और सब्जी उत्पादन की गतिविधियों को भी कृषि से जोड़ा है। कृषि सखी
निर्मला दुबे रीवा जनपद पंचायत के अटरिया ग्राम पंचायत की रहने वाली है।