वाराणसी: उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में सनातन
धर्मावलंबियों को एक सूत्र में बांधने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम के
लोकार्पण की चौथी वर्षगांठ पर शनिवार को नमामि गंगे ने गंगाद्वार से काशी
विश्वनाथ और मां गंगा की आरती उतारी। इस दौरान राष्ट्र के लिए समृद्धि की
कामना की गई। इसके बाद गंगाद्वार से बाबा विश्वनाथ को शीश नवाया गया।
जनसामान्य के
साथ देवी-देवता, महापुरुष भी इस पवित्र धरा पर भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर
आते रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम से आज बनारस की आर्थिक तस्वीर बदल गई
है। काशी विश्वनाथ धाम ने सनातन धर्मावलंबियों को एक सूत्र में बांधने का
भी कार्य किया है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की वर्षगांठ: नमामि गंगे ने गंगाद्वार से उतारी धाम की आरती
नमामि
गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि काशी देव भूमि है।
मोक्ष स्थली काशी समर्पण, संस्कार व संस्कृति का मर्म समाहित किए हुए है।
काशी ही नहीं बल्कि विश्व में साधना का केंद्र बाबा विश्वनाथ हैं । द्वादश
ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख बाबा विश्वनाथ अनादिकाल से काशी में गंगा तट पर
विराजमान हैं।
भव्य नव्य दिव्य काशी विश्वनाथ धाम आज सांस्कृतिक दिव्यता के
साथ आकर्षित व मंत्रमुग्ध कर रहा है। बाबा का अलौकिक दरबार तन मन
प्रफुल्लित कर रहा है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी और स्वर्ग
के बीच काशी को बड़े तीर्थ के रूप में माना गया है।
