क्वेटा: पाकिस्तान के बलोचिस्तान में आजादी की मांग कर रहे एक
प्रतिबंधित संगठन के 100 से ज्यादा विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस
संगठन का नाम बलोचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए) है। बीआरए राज्य में
बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे अन्य समूहों के साथ मिलकर अलग
राष्ट्र बनाने की मांग का समर्थन करता है। पाकिस्तान की सेना ने शनिवार को
बताया कि हथियार डालने वालों में वरिष्ठ कमांडर भी शामिल है। इस घटचना को
अशांत प्रांत में सुरक्षा और सुलह की कोशिश के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा
रहा है।
बलोचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर
सरफराज बुगती ने कमांडर और उन सभी लोगों को बधाई दी, जिन्होंने शांतिपूर्ण
जीवन में लौटने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वडेरा नूर अली चकरानी और
उनके 100 से अधिक साथियों का यह फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह एक
साफ संदेश है कि राज्य ने बातचीत के दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं।
बलोचिस्तान में प्रतिबंधित संगठन बीआरए के 100 से ज्यादा विद्रोहियों का आत्मसमर्पण
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून और दुनिया न्यूज
की रिपोर्ट के अनुसार, सेना की जनसंपर्क शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक
रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि इसके अलावा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान
पाकिस्तान (टीटीपी) के खात्मे के लिए जारी अभियान के तहत पांच दिसंबर को
डेरा बुगती में पांच विद्रोहियों को मार गिराया गया।
पाकिस्तान की सेना का
आरोप है कि टीटीपी को भारत मदद करता है। आईएसपीआर ने साफ किया है कि डेरा
बुगती के सुई में आत्मसमर्पण करने वालों में बीआरए के ब्राहमदाग बुगती गुट
के कमांडर वडेरा नूर अली चकरानी ने 100 से ज्यादा पूर्व आतंकवादियों के साथ
अपने हथियार डाल दिए। इस समूह ने राष्ट्रीय झंडा फहराया और मुख्यधारा में
लौटने का संकल्प लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस अवसर पर बुगती ने
आसपास के पहाड़ी इलाकों में छिपे हुए अन्य आतंकवादियों से हिंसा छोड़ने और
राज्य की मुख्यधारा में लौटने की अपील की। सुई टाउन के चेयरमैन
इज्जतुल्लाहअमन बुगती ने बलोचिस्तान के मुख्यमंत्री के नजरिए की तारीफ की।
अधिकारियों का कहना है कि चक रानी जनजाति के सदस्यों को मुख्यधारा में लाना
बीआरए के लिए मनोवैज्ञानिक झटका है।
