काठमांडू; दिल्ली होकर किसी अन्य देश की यात्रा करने वाले नेपाली
यात्रियों के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने नया सूचना डेस्क
स्थापित किया है।
यह कदम हाल ही में दो अलग-अलग
उड़ानों से चार नेपाली महिलाओं को डिपोर्ट किए जाने की घटना के बाद उठाया
गया है, जिसने यात्रियों में असुरक्षा और भय की भावना पैदा कर दी थी। वे
महिलाएं कतार एयरवेज से बर्लिन और लुफ्थांसा से कोलम्बिया जाने के लिए
दिल्ली पहुंची थीं, जहां भारत उनके लिए केवल एक ट्रांजिट देश था, लेकिन
अचानक उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजे जाने की खबर ने यूरोप और
अमेरिका यात्रा करने वाले नेपाली यात्रियों की चिंता बढ़ा दी थी।
यात्रा
एजेंटों के अनुसार, महंगा डॉलर विनिमय दर, 13% वैट और कुछ एयरलाइनों
द्वारा टिकट बिक्री में एजेंसी-एकाधिकार जैसी व्यवस्थाओं के चलते नेपाल से
दिल्ली होकर आगे यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी अधिक है। इस कारण
दिल्ली मार्ग नेपाली यात्रियों को यात्रा सुविधा प्रदान करने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नेपाली नागरियों की सुविधा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर नई सेवा की शुरुआत
दूतावास ने यात्रियों से अपील की
है कि यात्रा से पहले अपने सभी दस्तावेज़ों की अच्छी तरह जांच कर लें, ताकि
भविष्य में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके। दूतावास और एयरपोर्ट
प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से नेपाली यात्रियों के लिए ट्रांजिट और
अंतरराष्ट्रीय यात्रा को अधिक सुरक्षित और सरल बनाने की दिशा में यह एक
महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
घटना
के बाद दिल्ली में नेपाली दूतावास ने संबंधित पक्षों से वार्ता कर नेपाली
यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की मांग की थी। इसी संदर्भ में,
दिल्ली एयरपोर्ट ने नेपाल से आने वाले और आगे अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की ओर
जाने वाले यात्रियों के लिए नया सूचना सहायता डेस्क स्थापित किया है।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यदि नेपाली यात्री केवल अगले अंतरराष्ट्रीय
उड़ान से जुड़ रहे हैं, तो उन्हें भारतीय आव्रजन प्रक्रिया से गुजरने की
आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय वे सीधे अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर क्षेत्र में
जा सकेंगे। इससे अनावश्यक देरी और झंझट कम होने की उम्मीद है।
