नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी फिर गिरफ्तार, 36 साल ईरान की जेल में रह चुकी हैं
तेहरान: नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नरगिस मोहम्मदी को
एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया है।उन्हें ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर
मशहद से शुक्रवार को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे एक शोकसभा में शामिल
थीं।
इस समारोह के एक वीडियो में दिखाया गया है कि वे हिजाब के बिना भीड़ को
संबोधित करते हुए नारे लगवा रही हैं। नॉर्वे की नोबेल समिति ने उनकी
गिरफ्तारी की निंदा करते हुए तेहरान से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए
उन्हें बिना शर्त रिहा करने की अपील की।
मीडिया समूह ईरान
इंटरनेशनल ने मशहद के गवर्नर हसन हुसैनी के हवाले से बताया है कि
पूर्वोत्तर शहर मशहद में एक शोकसभा के दौरान सुरक्षा बलों ने नोबेल शांति
पुरस्कार से सम्मानित नरगिस मोहम्मदी और कई अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत
में लिया।
हुसैनी ने राज्य मीडिया को बताया कि भीड़ के बेकाबू होने के कारण
उनकी सुरक्षा को देखते हुए यह गिरफ्तारियां की गईं।उन्होंने कहा कि
प्रतिद्वंद्वी समूह की तरफ से टकराव की आशंका के कारण उनकी सुरक्षा के लिए
यह गिरफ्तारियां की गई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक मानवाधिकारों के
प्रमुख दिवंगत वकील खुसरो अलीकोर्डी के लिए आयोजित शोक सभा में नरगिस
मोहम्मदी शामिल हुईं। हाल ही में हुई उनकी मौत ने उनके समर्थकों को भड़का
दिया।
अलीकोर्डी पिछले सप्ताह मशहद स्थित कार्यालय में संदिग्ध
परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। उनके समर्थकों ने अलीकोर्डी को दिल का
दौरा पड़ने के आधिकारिक बयान पर सवाल उठाते हुए उनकी मौत में सुरक्षा बलों
की संलिप्तता का आरोप लगाया।
53 वर्षीय मोहम्मदी साल 2024 से मेडिकल ग्राउंड पर अस्थायी
रिहाई पर थीं। 36 साल तक जेल में रही मोहम्मदी को साल 2023 में नोबेल
शांति पुरस्कार मिला था। मोहम्मदी देश के खिलाफ मिलीभगत और ईरान सरकार के
खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के मामले में 13 साल और नौ महीने की सजा काट रही
हैं।
उन्होंने साल 2022 में महसा अमिनी की मौत से शुरू हुए देशव्यापी विरोध
प्रदर्शन का भी पुरजोर समर्थन किया जिसमें महिलाओं ने हिजाब न पहन कर
सरकार का खुलेआम विरोध किया था।
