कोलकाता। बंगाल में काली पूजा के बाद भी आतिशबाजी का सिलसिला
जारी रहा। गुरुवार की तरह शुक्रवार रात भी राज्य के कई स्थानों पर पटाखों
का शोर सुनाई दिया।
कोलकाता में शुक्रवार को सबसे अधिक शिकायतें
गरफा, कालिकापुर, मुकुंदपुर, गोल्फग्रीन और बालीगंज सर्कुलर रोड के
क्षेत्रों से आईं। शाम के बाद बेहला, टालीगंज, बेलतला, माणिकतला और
कांकुड़गाछी में भी तेज आतिशबाजी देखी गई। बेलीघाटा में युवाओं को बीच सड़क
पर पटाखे फोड़ते देखा गया। पर्यावरण के अनुकूल हरे पटाखों का प्रचलन इस
बार भी कम ही दिखाई दिया।
उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी और कूचबिहार
में भी काली पूजा की रात जोरदार शोर-शराबा सुनने को मिला। बारिश के बावजूद
जलपाईगुड़ी में शोर जारी रहा, जबकि मयनागुड़ी और धुपगुड़ी में भी आतिशबाजी
की शिकायतें आईं। शुक्रवार को सिलीगुड़ी के कई इलाकों में लगातार पटाखे
फोड़े जाने की शिकायतें स्थानीय लोगों ने की।
हालांकि, पुलिस का
दावा है कि इस बार शोरगुल पर काफी हद तक नियंत्रण किया गया। मालदा में 17
किलोग्राम, उत्तर दिनाजपुर में 15 किलोग्राम और दक्षिण दिनाजपुर में 10
किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए। कूचबिहार में 18 मामले दर्ज हुए और 19 लोगों
को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने लगभग सात हजार से अधिक पटाखों के पैकेट भी
जब्त किए।
कोलकाता पुलिस ने अब तक काली पूजा के बाद से कुल 601
लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 265 लोग पटाखे जलाने के आरोप में
पकड़े गए हैं। पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने कहा, “कड़ी कार्रवाई की जाएगी
ताकि भविष्य में ऐसा उदाहरण पेश किया जा सके।”
हुगली और हावड़ा
जिलों में स्थिति अपेक्षाकृत शांत रही, लेकिन आसनसोल और दुर्गापुर जैसे
औद्योगिक क्षेत्रों में काली पूजा की रात शोर की समस्या गंभीर रही।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात काली पूजा के अवसर पर पश्चिम बंगाल के कई
जिलों में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी देखी गई थी।