लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर
प्रदेश में युवाओं को रोजगार प्रदान करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
लगातार साकार हो रही है। इसी कड़ी में लोक सेवा आयोग द्वारा दिसंबर और
जनवरी माह में सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) भर्ती परीक्षा आयोजित की
जाएगी। इस परीक्षा के माध्यम से 15 विषयों में कुल 7466 पदों पर योग्य
अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। यह परीक्षा, योगी सरकार के मिशन रोजगार के
माध्यम से युवाओं के सपनों को नई ऊंचाई देने के साथ-साथ प्रदेश के विकास
में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के
तहत परीक्षा को पूरी तरह नकलविहीन, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न
कराने की व्यापक तैयारी की गई है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही
या अनियमितता को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन जनपदों में
परीक्षा केंद्र हैं, वहां के जिलाधिकारी स्वयं व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं
की निगरानी करेंगे।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षा
के सफल आयोजन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रवेश के समय
बायोमेट्रिक सत्यापन, फ्रिस्किंग की कड़ाई, पूर्णतः क्रियाशील सीसीटीवी
कैमरे, एलआईयू और एसटीएफ की निगरानी टीमों की सक्रिय उपस्थिति के साथ ही
संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता सुनिश्चित की जाएगी। प्रश्नपत्रों की
गोपनीयता बनाए रखने के लिए कलर एवं कोड आधारित एसएमएस प्रणाली लागू होगी।
ट्रेजरी से गोपनीय सामग्री की निकासी और परीक्षा केंद्रों तक सुरक्षित
पहुंच सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित समय पर की जाएगी।
अभ्यर्थियों
की सुविधा का पूरा ध्यानसभी परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छ पेयजल, शौचालय,
पर्याप्त प्रकाश, बैठने की समुचित व्यवस्था सहित अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं
उपलब्ध कराई जाएंगी। संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी
समय से पूर्ण कर लिया गया है।
विगत 8.5 वर्षों में 8.5 लाख से अधिक
सरकारी नौकरियांराज्य सरकार पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में
सरकारी सेवाओं में 8.5 लाख से अधिक नियुक्तियां प्रदान कर एक नया कीर्तिमान
स्थापित किया है। पारदर्शी, त्वरित और तकनीक-आधारित भर्ती व्यवस्था से
युवाओं को व्यापक अवसर मिल रहे हैं। साथ ही, राज्य में बढ़ते निवेश के
परिणामस्वरूप निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हुए हैं।