कोलकाता,। भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने शुक्रवार को फोर्ट
विलियम में अपना 104वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर पूर्वी सेना कमान
प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राम चंदर तिवारी ने कहा कि उनकी कमान हर परिस्थिति
में संचालन के लिए तैयार है और वर्तमान तथा भविष्य की चुनौतियों का सामना
करने के लिए अपनी क्षमताओं को निरंतर विकसित कर रही है।
पूर्वी सेना
कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. श्रीकांत ने शुक्रवार को
फोर्ट विलियम में विजय स्मारक पर बलिदानियाें को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस
दौरान कई आयोजन भी किए गए, जिनमें अधिकारियों और सैनिकों के बीच संवाद
शामिल था।
एक अधिकारी के अनुसार, पूर्वी कमान की स्थापना एक नवंबर
1920 को लखनऊ में की गई थी। शुरुआत में इसका क्षेत्राधिकार दिल्ली, उत्तर
प्रदेश, बिहार, ओडिशा और असम तक फैला था। इसके बाद मुख्यालय को बैरकपुर,
रांची और पुनः लखनऊ स्थानांतरित किया गया। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद
यह मुख्यालय स्थायी रूप से कोलकाता के फोर्ट विलियम में स्थापित हो गया।
आज
पूर्वी कमान भारतीय सेना की सबसे बड़ी परिचालन कमान है, जिसका
क्षेत्राधिकार आठ राज्यों तक फैला हुआ है और यह पांच पड़ोसी देशों के साथ
आठ हजार 350 किमी की भूमि सीमा की निगरानी करता है। भारतीय सेना द्वारा
लड़े गए सभी युद्धों में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, लेकिन इसका सबसे
बड़ा गौरव 1971 का भारत-पाक युद्ध था, जिसने बांग्लादेश के स्वतंत्रता का
मार्ग प्रशस्त किया। 'ईस्ट के योद्धाओं' ने पूर्वोत्तर राज्यों में जब भी
आवश्यकता पड़ी, सफलतापूर्वक आतंकवाद विरोधी अभियान भी चलाए हैं।
पूर्वी
कमान को सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की
निगरानी का जिम्मा भी सौंपा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस कमान के
सैनिक हिमालय की ऊंची चोटियों से लेकर बरसाती जंगलों और तेज बहने वाली
नदियों तक के क्षेत्रों में तैनात रहते हैं।
इसके अलावा, पूर्वी
कमान ने 'ऑपरेशन सद्भावना' और 'ऑपरेशन समरिटन' जैसे अभियानों के माध्यम से
विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव
लाए हैं। इस दौरान सैनिक आपदा राहत कार्यों में भी सहायता करते हैं और
कानून व्यवस्था बहाल करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय नागरिकों
से नियमित रूप से जुड़ने के लिए चिकित्सा शिविरों का आयोजन करते हैं और
युवाओं को सेना में शामिल होने या इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे पेशेवर
पाठ्यक्रमों में प्रवेश की ट्रेनिंग भी प्रदान करते हैं।