थायराइड हार्मोन के कमी होने पर हाइपोथायराइड और इसकी अधिकता होने पर
हाइपरथायराइड होता है। यह सिर्फ एक हार्मोन नहीं है, बल्कि इससे शरीर के कई
फंक्शन्स कंट्रोल होते हैं।
हाइपरथायराइड या अतिसक्रिय थायराइड के लक्षणों में वजन घटना, धड़कन का तेज
होना, गर्मी अधिक लगना और घबराहट होना जैसी दिक्कतें शामिल है, वहीं जब
हाइपोथायरायडिज्म यानी अल्पसक्रिय थायरॉइड होता है, तो वजन बढ़ने लगता है,
कब्ज बनी रहती है, पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और बाल झड़ने लगते हैं।
- नाक में गाय के घी की 2 बूंदे डालें। ये ब्रेन और थायराइड के
कनेक्शन को सुधारती हैं। इससे स्ट्रेस और एंग्जायटी कम होती है और अच्छी
नींद लाने में मदद मिलती है।
- नस्य यानी नाक के दोनों नथुनों में घी डालना सिर और गर्दन के लिए
एक थेरेपी है। इससे वात दोष बैलेंस होता है, जो हाइपोथायराइड के लिए बेहद
जरूरी है।
- रोजाना ब्राजील सीड्स और कद्दू के बीज खाएं। ये थायराइड हार्मोन
को बैलेंस करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इनमें जिंक भरपूर मात्रा में
होता है। ये हेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं और शरीर को ताकत देते हैं।
- रोजाना वॉक जरूर करें और डिनर 7 बजे से पहले कर लें। इससे मेटाबॉलिज्म और ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है।
थायराइड को मैनेज करने के 5 टिप्स
- रोज सुबह कम से कम 5-10 मिनट सूरज की रोशनी में बिताएं। इसे सूर्य
चिकित्सा या सन थेरेपी कहते हैं। इससे अग्नि बढ़ती है और कफ कम होता है।
इन दोनों ही चीजों का बैलेंस थायराइड को कंट्रोल रखने के लिए बहुत जरूरी
है।
- इससे कोर्टिसोल बैलेंस करने में मदद मिलती है। यह टीएसएच लेवल को सपोर्ट करती है। इससे मूड और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।
- आयोडीन रिच फूड्स को डाइट में शामिल कीजिए। ये भी थायराइड लेवल को
बैलेंस करते हैं, टी3 और टी4 के प्रोडक्शन को सपोर्ट करते हैं और थायराइड
इंबैलेंस को कम करते हैं।
- नारियल पानी, मोरिंगा की फली, सेंधा नमक, चुकंदर, काले तिल
फायेदमंद रहेंगे। ये शरीर को ताकत देते हैं और इनसे टॉक्सिन्स नहीं बढ़ते
हैं।