रांची। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को
राजभवन में 'राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025' के प्रतिभागियों से संवाद
किया। यह यात्रा अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन (स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन
इंटर स्टेट लिविंग-एसआईएल) कार्यक्रम के तहत आयोजित की गई।
उन्होंने
कहा कि हमारा देश "विविधता में एकता" का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता
है। यह यात्रा युवाओं को देश के विभिन्न राज्यों की यात्रा कर वहां की
संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक संरचना को समझने का अद्भुत अवसर प्रदान
करेगी।
राज्यपाल ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि एसआईएल 1966 से
राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ कर रहा है और यह संगठन सीमावर्ती एवं सुदूर
क्षेत्रों के छात्रों को भारत के अन्य भागों के लोगों से जोड़ने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि "एक राष्ट्र-एक जन-एक
संस्कृति" केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और
भावनात्मक एकता का वास्तविक प्रतिबिंब है।
उन्होंने प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए
कहा कि भारत की समृद्धि केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक
समरसता और आपसी सहयोग से भी तय होती है।
राज्यपाल ने झारखंड की
समृद्ध जनजातीय संस्कृति का उल्लेख करते हुए कहा कि एसआईएल के माध्यम से
देशभर के युवाओं को झारखंड की अनूठी सांस्कृतिक विरासत को जानने और समझने
का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी हैं
और झारखंड में राज्यपाल के रूप में छह माह का अनुभव अच्छा रहा है।
उन्होंने इस प्रदेश की संभावनाओं, लोक संस्कृति और परंपराओं को अत्यंत
समृद्ध बताया।
उन्होंने उल्लेख किया कि पांच वर्ष पूर्व, नई दिल्ली
में भी एसआईएल के लगभग 100 प्रतिभागियों से संवाद हुआ था। उन्होंने युवाओं
से आग्रह किया कि वे इस यात्रा के दौरान बने आपसी संबंधों को बनाए रखें।
इस अवसर पर रुस्तम (अरुणाचल प्रदेश) और अनुमति राधा (असम) ने 'राष्ट्रीय
एकात्मता यात्रा-2025' के दौरान अपने अनुभव साझा किए और इसे एक अविस्मरणीय
और शिक्षाप्रद यात्रा बताया। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं
देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025 के प्रतिभागियों से किया संवाद
