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मध्‍य प्रदेश : सोमवार को शाही सवारी, सात स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल


उज्जैन। इस श्रावण-भादौ मास के सातवे सोमवार, यानी क‍ि दो सितंबर को बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे और सात स्वरूप में अपने सभी भक्‍तों को दर्शन देंगे। शाही सवारी का मार्ग लम्बा रहेगा। पालकी रात्रि 11 बजे से पूर्व मंदिर पहुंचेगी। शाही सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर,गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, घटाटोप तथा सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे। पालकी अपरांह चार बजे पूजन पश्चात नगर भ्रमण पर निकलेगी।

कलेक्टर सह महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष नीरजकुमार सिंह ने इस संबंध में रव‍िवार को बताया कि सोमवार अपरांह कोटितीर्थ परिसर स्थित सभा मण्डप में बाबा महाकाल का पूजन,अभिषेक किया जाएगा। पश्चात पालकी में भगवान का चंद्रमौलेश्वर स्वरूप विराजीत करके मुख्य द्वार पर पालकी लाई जाएगी। यहां पर परंपरानुसार सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को गार्ड ऑव ऑनर दिया जाएगा। यहां से पुलिस बैण्ड की सुमधुर धुन पर बाबा नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी के गजराज पर मन महेश,गरूड़ रथ पर शिव तांडव,नंदी रथ पर उमा महेश,डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, घटाटोप तथा सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।

सवारी कोट मौहल्ला चौराहा, गुदरी, बक्षी बाजार,कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंचेगी। पूरे मार्ग पर भक्तों द्वारा गुलाब के फूलों की पंखुरियों से जमकर वर्षा कर बाबा की अगवानी की जाएगी। मार्ग में रंगोली भी बनाई जाएगी। पालकी जब रामघाट पहुंचेगी तो परंपरानुसार यहां पर मां शिप्रा का पूजन किया जाएगा वहीं बाबा महाकाल का मां शिप्रा के जल से अभिषेक किया जाएगा। यहां से पालकी पुन: मंदिर के लिए रवाना होगी। पालकी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,खाती का मंदिर,सत्यनारायण मंदिर,ढाबा रोड़,टंकी चौक, मिर्जा नईम बेग मार्ग,तेलीवाड़ा,कंठाल,सतीगेट, सराफा,छत्रीचौक होकर गोपाल मंदिर पहुंचेगी।

सिंधिया करेंगे पालकी पूजन

उल्‍लेखनीय है कि पुराने समय तत्कालीन सिंधिया रियासत में उज्जैन शामिल रहा है। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि शाही सवारी में गोपाल मंदिर पर पालकी पूजन सिंधिया परिवार का कोई सदस्य अवश्‍य करता है। इसी परंपरा का निर्वाह करने के लिए सोमवार को यहां पर केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया मौजूद रहेंगे । यहां पूजन पश्चात सवारी पटनी बाजार,गुदरी, कोट मौहल्ला चौराहा होकर पुन: मंदिर पहुंचेगी।