मुख्य निर्वाचन
पदाधिकारी के रवि कुमार ने मंगलवार को निर्वाचन सदन में कम पैतृक मैपिंग
करने वाले विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ एवं सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों के
साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि पिछली विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद
राज्य में अन्य राज्यों से आए मतदाता एवं जिन मतदाताओं की पिछली एसआईआर
वाले मतदाता सूची से मैपिंग में कठिनाई आ रही है उनकी संबंधित राज्य के
सीईओ वेबसाइट अथवा भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट का उपयोग करते हुए मैपिंग
सुनिश्चित करें।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि मैपिंग करते
समय (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत) एएसडी सूची से भी मिलान अवश्य करें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं का पैतृक मैपिंग का कार्य
को प्राथमिकता देते हुए करें। अधिक से अधिक पैतृक मैपिंग से एसआईआर के समय
कम से कम मतदाताओं को दस्तावेज समर्पित करना पड़ेगा एवं प्रक्रिया में
आसानी आएगी। उन्होंने कहा कि एसआईआर के दौरान कोई भी योग्य मतदाता मतदाता
सूची से छुटे नहीं इसे ध्यान में रखकर कार्य करें।
रांची; झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने
कहा है कि राज्य में वर्तमान मतदाता सूची के मतदाताओं की पिछली एसआईआर के
मतदाता सूची से मैपिंग के क्रम में 1 करोड़ 61 लाख 55 हजार 740 मतदाताओं की
मैपिंग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत)
एएसडी सूची में 12 लाख मतदाताओं को सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही
मतदाता सूची के मैपिंग के अन्य कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि कम परफॉर्मेंस वाले बीएलओ (बूथ
लेवल अधिकारी) को चिन्हित करते हुए बैचवार ट्रेनिंग दें। इसके साथ ही
मतदाताओं को भी पैतृक मैपिंग की प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि वैसे बीएलओ जो पिछली एसआईआर के मतदाता सूची से मतदाता का
विवरण नहीं ढूंढ पा रहे वे अपने जिले मुख्यालय के हेल्पडेस्क मैनेजर से
संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ईआरओ एवं उप निर्वाचन
पदाधिकारियों से कहा कि बीएलओ को कार्यक्षेत्र में आने वाली कठिनाइयों का
आंकलन करते हुए उनकी सहायता करें, जिससे वे पैतृक मैपिंग के कार्य को आसानी
से कर पाएं।

