कोलकाता: चुनाव आयोग द्वारा चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण
(एसआईआर) के दौरान पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से हटाए जाने वाले नामों
की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डिजिटलाइजेशन के नवीनतम रुझान के अनुसार अब
तक कुल 46.30 लाख नाम चिह्नित किए जा चुके हैं। ये आंकड़े मंगलवार शाम तक
पूर्ण किए गए फॉर्म डिजिटाइजेशन के आधार पर हैं, जबकि सोमवार शाम तक यह
संख्या 43.50 लाख थी। यानी मात्र 24 घंटों में 2.70 लाख नए नाम सूची में
शामिल हुए हैं जिन्हें मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
मुख्य
चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, मंगलवार शाम तक उपलब्ध
आंकड़ों में 22.28 लाख नाम "मृत मतदाता" श्रेणी में आते हैं। वहीं 6.40 लाख
मतदाताओं को "अनट्रेसेबल" घोषित किया गया है, क्योंकि बार-बार प्रयास के
बावजूद बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) उन्हें फॉर्म नहीं सौंप पाए।
इसके
अलावा, 16.22 लाख लोगों को “स्थानांतरित मतदाता” की श्रेणी में पाया गया
है, जिनके स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान, शादी, नौकरी या अन्य कारणों से
शिफ्ट हो जाने की पुष्टि हुई है। साथ ही 1.05 लाख नाम ऐसे पाए गए हैं
जिन्हें “डुप्लीकेट मतदाता” माना गया है, यानी जिनकी दो स्थानों पर एक साथ
प्रविष्टि है।
अक्टूबर 27 तक तैयार मतदाता सूची के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल सात करोड़ 66 लाख 37 हजार 529 पंजीकृत मतदाता हैं।
इस
बीच, चुनाव आयोग ने मंगलवार शाम को जानकारी दी कि राज्य में ऐसे बूथों की
संख्या, जहां एक भी मृत, डुप्लीकेट या स्थानांतरित मतदाता नहीं है, सिर्फ
24 घंटों में तेजी से बदल गई है। सोमवार तक ऐसे बूथों की संख्या 2,208 थी,
लेकिन जिला मजिस्ट्रेटों से रिपोर्ट मांगने के बाद मंगलवार को यह संख्या
घटकर सिर्फ 480 रह गई।
आयोग ने इस असामान्य स्थिति पर जिला चुनाव
अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर
कड़ी नजर रखी जा रही है।